श्री भाष्कर सिंह का जन्म माघ कृष्ण चतुर्दशी संवत २०३३ को उत्तरप्रदेश के मऊ जनपद के अल्लीपुर नामक गावं में हुआ। इनकी प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा दीक्षा काशी की पवित्र धरती पर हुआ। आपकी माता श्रीमती कमला देवी और पिता श्री श्याम नारायण सिंह हैं।
युवा काल में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़कर कार्य करते रहे और रेलवे की नौकरी छोड़कर समाज सेवा की राह को अंगीकार किया,इसके बाद आपने काशी विद्यापीठ से समाजकार्य में परास्नातक की उपाधि प्राप्त की और कपार्ट के द्वारा आयोजित कैंपस चयन द्वारा युवा उद्यमी के रूप में चयनित होकर देश के विभिन्न हिस्सों में आपने कार्य किया, साथ में संघ के भी विभिन्न दायित्वों पर कार्य करते रहे, बाद में संवत् २०६८ में आपने ग्रामीण विकास मंत्रालय के कपार्ट नामक संस्था को अपनी सामाजिक सेवाएँ, शोध अधिकारी के रूप में देना प्रारंभ किया। वर्तमान में ग्रामीण विकास मंत्रालय के भारत सरकार के नरेगा अनुभाग में कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त कपार्ट के कर्मचारियों के अधिकारों की लड़ाई के लिए कपार्ट कर्मचारी परिषद् नाम से भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध एक यूनियन का भी महासचिव के दायित्व का निर्वाह वर्तमान में कर रहे हैं।
इस बीच आपने कई छोटे-छोटे वैचारिक अभियान भी किये, जिसमें से सबसे प्रमुख है, भारतीय तिथि परंपरा के अनुसार राष्ट्रीय पर्व यथा स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस का आयोजन करना और देश के लोगों को इस माध्यम से अपनी प्राचीन पंचांग परंपरा से अवगत कराना। उक्त अभियान के लिए राष्ट्रीय पर्व आयोजन समिति का गठन किया और इसके बैनर तले प्रत्येक वर्ष स्वतंत्रता दिवस को श्रावण कृष्ण चतुर्दशी के अनुसार आयोजित किया जाता है।
इसके अतिरिक्त आपने असम राज्य में सेवा भारती पूर्वांचल के साथ मिलकर विभन्न प्रकार के कार्य किये और उनके विदेशी अनुदान संबंधी कार्यों में तकनिकी सहयोग किया और साथ ही साथ रामराज्य के विषय में अध्ययन का कार्य करते रहे।
इसके पश्चात कपार्ट का गुवहाटी कार्यालय बंद होने के पश्चात और दिल्ली में वापस आने के पश्चात आपने रामराज्य के कार्य को आगे बढ़ाते हुए रामराज्य कथा नाम से एक संकलन तैयार किया और संघ शिक्षा वर्ग द्वितीय वर्ष संवत् २०७२ के प्रशिक्षण के पश्चात आपने रामराज्य प्रशासन का कार्य प्रारंभ किया, धीरे-धीरे कार्य का विस्तार किया और रामराज्य कोष व रामराज्य सभा का स्थापना करके रामराज्य के कार्य सञ्चालन को आगे बढ़ाया। रामराज्य के पूरे कार्य का केंद्र अयोध्यापुरी है जिसके कारण कार्य की गति अपेक्षाकृत धीरे है।
उक्त कार्य में अनेक बाधाएं होने के बाद भी आपके द्वारा निरंतर कार्य को गति देने का प्रयास किया जा रहा है, यदि आप श्री भाष्कर सिंह जी के कार्य को समर्थन देना चाहते हैं तो उन्हें आर्थिक व भौतिक इत्यादि सभी स्वरूपों में मदद कर सकते हैं।
सहयोग हेतु संपर्क करें- ramrajyaprashasan@gmail.com