श्री राम विजयते नमः

श्री रामराज्य स्त्रोत

आञ्जनेयपतिराजाराघवाय नमः

रामराज्यकोषमवतु प्रभो! कुरु रक्षासमृद्धिम् वैभववृद्धिम् प्रजाभिः करं दियतेsतः

तापत्रयम् नाशय तेषां रामराज्यप्रशासकभाष्करस्य वचनमिदं कुरु सिद्धम्!

प्रजा त्वं शपथं। जयतां रामराज्यः। 

 

श्री रामराज्य कोष की स्थापना राजा रामचंद्र जी के प्रेरणा से श्री रामनवमी को सरयू जी के तट पर प्राप्त निर्देश व हनुमान जी की प्रेरणा से संवत् २०७३ की अक्षय तृतीया को श्री हनुमानगढ़ी गढ़ी के बाबा बंसिदास महाराज के आशीर्वाद से हुआ, इस राजकोष का यह अभीष्ट है कि जो भी प्रजाजन अपने राजा रामचंद्र जी  के प्रति जिस भाव से समर्पण करतें हैं उसी भाव से राजा रामचंद्र जी उनके दैहिक,दैविक व भौतिक ताप का समन करते हैं,श्री रामराज्य कोष का वार्षिक पूजन प्रत्येक वर्ष अक्षय तृतीय को अयोध्या जी में होता है……राजा राम चन्द्र की जय
हम सभी राजा राम की पावन प्रजा हैं, और वर्ष में कम से कम एक बार यथा योग्य व क्षमता के अनुरूप अपने राजा को विशेष अवसरों, जैसे श्री संवत् के प्रारंभ पर, श्रीराम राज्योत्सव पर, श्री रामनवमी पर, श्री सीता नवमी पर, विजयादशमी पर, हनुमान जयंती पर, दीपावली पर, रामायण के कथा इत्यादि महत्वपूर्ण अवसर पर अपने राजा के प्रति आभार स्वरुप रामराज्य कोष में योगदान करना चाहिए ….
रामराज्य के कार्य को आगे बढ़ाने में आपका तन-मन-धन व वचन से जैसे भी हो सके प्रजाभाव से सहयोग का आग्रह रामराज्य कोष करता है।
आर्थिक सहयोग हेतु श्री रामराज्य कोष में योगदान दें, आपका एक रुपए या यथा सामर्थ्य जो भी नित्य या नियमित अंतराल पर सहयोग हो सकता है अवश्य करें जिससे की रामराज्य के कार्यों को और गति प्रदान किया जा सके – 
या
क्यूआर कोड द्वारा सहयोग करें 

 

या
Whatsapp पर प्राप्त लिंक से भी भुगतान कर सकते हैं 
सीधे रामराज्य कोष के खाते में सहयोग करें
खाता संख्या- 19480210000809
IFSC Code-UCBA0001948
Uco Bank, Hanuman Garhi, Ayodhya, Uttar Pradesh
।।राजा श्री रामचंद्र की जय।। श्री हनुमान जी की जय ।।जय विश्व सम्राट भारत ।।

निवेदक – श्रवण कुमार सिंह,

रामराज्य कोषाधिकारी

 

राजा श्री रामचन्द्र जी के प्रिय प्रजाजनों, 

सादर जय श्री राम, 
राजा रामचंद्र जी की कृपा से आप सभी कुशल, मंगल से होंगे, जैसा कि आपको विदित ही है कि इस समस्त संसार के राजा रामचंद्र जी हैं और उनके शासन को श्री हनुमान जी का प्रत्यक्ष संरक्षण कलयुग में प्राप्त है, विश्व सम्राट राजा रामचंद्र जी की राजधानी अयोध्या है, जहाँ से श्रृष्टि के प्रारंभ से ही हमारे पुरखों ने विश्व का शासन किया है।
विगत कुछ शतकों में भारत का विश्व सिंहासन अस्थिर हो गया, इसी कारण से श्री राम की प्रजा को कष्टों से नित्य सामना करना पड़ रहा है, इन्हीं कारणों से स्वयं राजा रामचंद्र जी के ही प्रेरणा से संवत् २०७० में रामराज्य प्रशासन की नींव पड़ी, जिसे रामराज्य प्रशासक श्री भाष्कर सिंह जी द्वारा संचालित किया जा रहा है, इस प्रशासन के द्वारा रामराज्य का समस्त विश्व में सञ्चालन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

इसी क्रम में आगे चलकर श्री रामराज्य कोष की स्थापना श्री अयोध्यापुरी जी के श्री हनुमान गढ़ी जी में स्थानीय संतों के आशीर्वाद से संवत् २०७३ की अक्षय तृतीया को किया गया, और संवत् २०७५ में श्री रामराज्य सभा का गठन किया गया।

रामराज्य के सञ्चालन को क्रमशः गति देने हेतु धीरे-धीरे कार्य को गति प्रदान किया जा रहा है, दिल्ली और उत्तरप्रदेश में रामराज्य के सञ्चालन हेतु प्रशासकों की नियुक्ति की जा चुकी है, रामराज्य के कार्य को समस्त विश्व में पहुँचाने के लिए वेबसाईट व ऐप का भी विकास किया जा रहा है।
आप सभी विद्य प्रजाजनों से विनम्र अपील/आग्रह है कि रामराज्य के सञ्चालन कार्य को विस्तार देने हेतु हमें सभी प्रकार का सहयोग करें और हम इस बात के लिए पूर्ण आश्वस्त हैं कि निकट भविष्य में पूरे विश्व में रामराज्य के अनुरूप सञ्चालन होगा और भारत पूरे विश्व के सिंहासन को पुनः शुषोभित करने में अतीव समर्थ होगा।
आपका 
रामराज्य प्रशासक 

वर्तमान स्थापित राजकोष 

१. अयोध्यापुरी – संपर्क – श्री रवि तिवारी जी 

२. दिल्ली – संपर्क श्री श्रवण कुमार चौहान

३. विंध्याचल- संपर्क- श्री श्रवण कुमार सिंह

४. हैदराबाद – संपर्क – श्री राचूरी राजशेखर जी