Posted on May 8, 2019 Posted By: adminCategories: प्रशासन
राजा रामचंद्र की जय, अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर रामराज्य कोष का वार्षिक पूजन प्रत्येक वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी अयोध्या स्थित दर्शन भवन में सम्पन हुआ, यह पूजन रामराज्य पुरोहित श्री प्रमोद कुमार मिश्र व श्री राघवेंद्र पांडेय जी के द्वारा संपन्न कराया गया, इस अवसर पर पूरे देश से रामराज्य के प्रशासक, पार्षद व राजकोष अधिकारी उपस्थित हुए और रामराज्य कोष में राजा रामचंद्र के प्रति अपना वार्षिक समर्पण व उपहार समर्पित किया।
इस अवसर पर पूजन के लिए आये हुए श्री राम के प्रजा जनों को संबोधित करते हुए रामराज्य प्रशासक श्री भाष्कर सिंह ने बताया कि विश्व में सर्वप्रथम अयोध्याधिपति राजा पृथु द्वारा राजकोष की अयोध्या
में स्थापना की गई थी, इस विश्व राजकोष कोष की अवधारणा को ही विश्व में अंगीकार करके राजकोष की स्थापना शासन/सरकार चलाने के लिए होने लगी। अयोध्या में पुनः राजकोष को स्थापित करने की प्रेरणा को श्री रामनवमी के शुभ अवसर पर माता सरयू जी ने आशीर्वाद दिया और अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर हनुमान गढ़ी के संत ब्रम्हलीन बाबा बंसिदास जी के आशीर्वाद से राजा रामचंद्र जी का राजकोष अयोध्यापुरी में पुनः स्थापित किया गया और तबसे ही निरंतर इसका वार्षिक पूजन अयोध्या में होता चला आ रहा है। इस वर्ष के पूजन में मुख्य यजमान की भूमिका में सहारनपुरवासी श्री रामकृष्ण अरोड़ा व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती राजकुमारी जी रहीं।
पूजन कार्यक्रम में आये प्रजा जनों, पार्षदों व प्रशासकों ने अपने अनुभव भी बताये की वे रामराज्य के कार्य को किस प्रकार कर रहे हैं और उनके जीवन में किस प्रकार का सकारात्मक परिवर्तन आया है।
रामराज्य कोष पूजन के पश्चात् रामराज्य सभा प्रारंभ हुई, इस राज्य सभा में देश भर से पधारे पार्षदों ने भाग लिया और विभिन्न विषयों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की, इस अवसर पर प्रशासक श्री भाष्कर सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए राजा रामचंद्र की महिमा, उनके राज्य के विस्तार, अयोध्या की महिमा, रामराज्य कोष की महिमा, राम के प्रजा इत्यादि का विस्तार से वर्णन किया।
उपस्थित पार्षदों ने भी अपने-अपने विचारों से सभा को अवगत कराया और इस विषय पर चर्चा की गई की पुरे विश्व में किस प्रकार से रामराज्य का सञ्चालन किया जा सकता है, इस अवसर पर उपस्थित सभी पार्षदों ने रामराज्य और रामराज्य की राजधानी अयोध्या के महिमा का विस्तार पूर्वक वर्णन किया, उपस्थित पार्षदों के समक्ष प्रशासन के क्रिया कलापों का वर्ष भर का वर्णन किया गया। सभा का प्रारंभ श्री हनुमान चालीसा के साथ प्रारंभ हुआ और राजा रामचंद्र की स्तुति के साथ सभा का समापन हुआ।
अगले दिवस को प्रातः रामराज्य सभा द्वारा सरयू माता का स्नान व पूजन करने के पश्चात श्री रामजन्म भूमि का दर्शन व पूजन किया गया, उसके उपरांत हनुमान गढ़ी का दर्शन व पूजन किया गया|
उक्त दर्शन के पश्चात ब्रम्हलीन बाबा बंसी दास महाराज जी के आवास पर जाकर रामराज्य प्रशासन द्वारा शोक संवेदना व्यक्त की गई, आपके ही आशीर्वाद से रामराज्य कोष की स्थापना की गई थी, परन्तु अक्षय तृतीया से एक दिन पूर्व अचानक आपका देहावसान हो गया।
इसके उपरांत पुनः रामराज्य सभा का समापन सत्र आयोजित हुआ और इसके माध्यम से आगामी कार्योजना व मजबूत प्रशासन के निर्माण व देश के विभिन्न हिस्सों में रामराज्य सभा का आयोजन व राजकोष की स्थापना का निर्णय लिया गया, साथ ही साथ रामराज्य प्रशासन की प्रद्योगिकी अनुभाग ने एक मोबाइल ऐप बनाने की रुपरेखा का प्रस्तुतीकरण किया, इस ऐप को प्रद्योगिकी प्रशासक श्री अमरदीप जी व अमित जी के नेतृत्व में बनाया जा रहा है।
रामराज्य प्रशासन द्वारा सभा के समापन की घोषण अगले सत्र तक लिए की गई और सभी आगंतुक प्रसाद ग्रहण करने के पश्चात अपने अपने धाम को पधारे। बोलिए राजा रामचंद्र जी जय, श्री हनुमान जी की जय, रामराज्य की जय, विश्व राजधानी अयोध्यापुरी की जय, सरयू माता की जय।
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Comments(7)
Vashudevacharya says
May 8, 2019 at 3:42 pmBahut sanchep hai. Karyakram ka sampurn vivaran , karyvahi prastut kare.
admin says
May 10, 2019 at 11:35 amजल्द ही कार्यक्रम का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया जाएगा।
Shravan says
May 8, 2019 at 4:55 pmJai Shree Ram
Amardeep Maurya says
May 9, 2019 at 10:47 amJai Shree Ram, Ramrajya kosh ke varshik poojan ke safal aayojan ke liye ap sabko bahut bahut badhai ho…..
Age ham sab ko milakr iss poojyaniya karya ko age badhana hai aur bhagwan Ram ke siddhanto par chalte hue Ramrajya Prashashan ke madhyam se Ramrajya ke sapne ko sakar karna h.
Jai shree Ram.
Bhaskar Singh says
May 10, 2019 at 11:21 amइस कार्य को करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना पड़ेगा तभी हम पूरे विश्व में रामराज्य का संचालन कर सकेंगे – जय श्रीराम
Raghvendra pandey says
May 11, 2019 at 4:48 pmजय श्रीराम
राजा राम के पार्षदों की कार्य प्रणाली तय की जाय ताकि कार्य मे सुगमता हो।
उषा says
May 11, 2019 at 8:41 pmराजा श्री राम की जय जिनकी प्रजा हैं हम सब , उनको करोड़ो बार चरण वंदना , सब काम सवांरेगें प्रजा का , उनको करोड़ो बार चरण वंदना