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भारतवर्ष की शास्त्रीय सीमाएं

राजा रामचंद्र की जय। भारत जिसे शास्त्रों में भारतवर्ष कहा जाता है वह अपने उद्भव के काल में बहुत अधिक विस्तृत और बड़ा था, वर्तमान भारत की सीमाएं तो लगभग एक तिहाई ही हैं।

इसका वर्णन विभिन्न शास्त्रों में मिलता है, जिसमें कहा गया है कि उत्तर से दक्षिण तक भारत की माप लगभग १००० योजन (लगभग १२-१४ हजार किलोमीटर) है, जिसके पश्चिम में यवन और पूर्व में किरात रहते हैं।

हमारे वर्तमान पीढ़ी को भी भारतवर्ष की सीमाओं का ज्ञान होना चाहिए, जिससे आने वाले समय में भारत की शास्त्रीय सीमाओं को पुनः सिद्ध किया जा सके। 

भारत की प्राचीनता का ज्ञान कराने के लिए आपको पता होना चाहिए कि श्रृष्टि के प्रारंभ में प्रथम मन्वंतर के त्रेता युग में राजा ऋषभ के पुत्र भरत द्वारा भारतवर्ष को स्थापित व संचालित किया और वर्तमान में सातवां मन्वंतर चल रहा है जिसके २८ वें कलयुग में हम सब निवास कर  रहे हैं।

इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं जिससे की भारतवर्ष को पुनः विस्तृत और समृद्ध किया जा सके। साथ ही इससे जुडी कोई और जानकारी यदि आपके पास हो तो हमें भेजें।   

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