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रामराज्य की दृष्टि में भारत के वर्तमान चुनाव का विश्लेषण।

राजा रामचंद्र की जय। भारत में हुए चुनाव के परिणामों का विश्लेषण रामराज्य की दृष्टि में रामराज्य प्रशासन द्वारा किया गया उसके कुछ महत्वपूर्ण बिंदु नीचे दिए जा रहे हैं-
१. भारत में राजा राम के द्वारा स्थापित रामराज्य की ओर बढ़ने का सकारात्मक संकेत इन चुनाव परिणामों से प्राप्त होता है क्योंकि इन चुनाव परिणामों से प्रतीत होता है की भारत की जनता  ने इस्लामिक काल में थोपे गए जातिवादी सामाजिक व्यवस्था से अपने को निकालने का संकल्प ले लिया है।
२. पृथ्वीराज चौहान के हारने के पश्चात पहली बार दिल्ली की सत्ता पर सनातन धर्म के अनुयायियों का इतना मजबूत पकड़ हो सका है जिससे कि सनातन धर्म और संस्कृति के आधारभूत मूल्यों को और मजबूत किया जा सके।
३. पहली बार भारत में ऐसे कुल और वंश के राजनीतिज्ञों का वर्चस्व समाप्त हुआ है जो भारतीय संस्कृति सभ्यता को हीन दृष्टि से देखते थे और लगातार सनातन सभ्यता के विरुद्ध सत्ता का प्रयोग करते थे और भारतीय संस्कृति का शोषण करने वाली इस्लामिक और ईसाई प्रवृत्ति का निरंतर पोषण करते रहते थे।
४. भारत वर्ष जिसका वर्णन शास्त्रों में भी मिलता है और किसके आदि संस्थापक राजा भरत के कुल और वंश को बढ़ाने वाले भारतीय दुनिया में एकमात्र सबसे प्राचीन और सनातन प्रजा है ने अपने वैश्विक स्वरूप को पुनः स्थापित करने की ओर संगठन के गतिशील और क्रियाशील पराक्रम को प्रदर्शित किया है।
५. भारत के अंदर पलने वाले भारतीयता विरोधी विचारों का इतना बड़ा पराजय पहली बार ही हुआ है, चाहे एंग्लो इंडियन संस्कृति को बढ़ाने वाले कांग्रेसी हों, चाहे नास्तिक विचार को बढ़ाने वाले राष्ट्र विरोधी प्रवृत्ति के कम्युनिस्ट हों या भारत को जाति जाति में बांट कर राज करने का स्वप्न देखने वाले तथाकथित दलित और मुस्लिम संगठन के रचनाकार हों।
६. इस्लामिक आतंकवाद से त्रस्त संपूर्ण विश्व को एक नई आशा की किरण मिली है, जो इस चुनाव के परिणामों से प्रदर्शित होती है। इस्लाम के नाम पर चोर, डकैत, लुटेरे, क्रूर आसुरी प्रवृत्ति के लोगों ने जो दुनिया भर में अपनी बस्तियां बना रखी हैं और इन बस्तियों का कार्य केवल और केवल शांतिप्रिय लोगों को डरा कर, धमका कर, मार कर और लूट कर अपनी बस्तियों को मजबूत करने का कार्य रहा है। यह कार्य इस्लाम के उदय के साथ ही प्रारंभ हो गया था जिसके परिणाम स्वरूप आज पाकिस्तान समेत पूरे दुनिया में देश का ठप्पा लगाए दर्जनों बस्तियां बस गईं। वर्तमान चुनाव परिणामों के कारण भारत में स्थापित होने वाली सत्ता इन बस्तियों को चोरों, लुटेरों से और आसुरी शक्तियों से मुक्त करने हेतु अधिक सक्रिय रूप से कार्य कर सकेगी।
७. राजा रामचंद्र जी का अपराध करने वाले बाबर और उसकी क्रूर सेना के प्रवृत्ति वाले भारतीय मुसलमानों को भी पुनः राम की शरण में आने के लिए और अपने अपराधों के लिए क्षमा मांगने का समय आ गया है। यही संकेत इन चुनाव परिणामों का है।
८. भारत की प्रजा का शोषण सदियों से इस्लाम और ईसाई जगत के क्रूर शासकों द्वारा किया जाता रहा है जिसके कारण भारत में दरिद्रता और अज्ञानता का घोर अंधकार फैल चुका था परंतु वर्तमान शासन के पुनः चुनकर आने से इस अंधकार को मिटाने का नया मार्ग प्रशस्त हुआ है।

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