राजा रामचंद्र की जय। 1 जनवरी 2019 को जो लोग नव वर्ष बता रहे हैं । उन्हें शायद यह पता ही नहीं कि आज से 400-500 साल पहले तक यह यूरोपियन लोग धरती को चपटा मानते थे। ईसाईयों का नववर्ष चर्च द्वारा ईसाई धर्म शुरू करने का गिनती मात्र है। यह कोई नववर्ष नहीं है। यह तो एक रूढ़िवादी अंधविश्वासी परंपरा है, जो यूरोप से निकल कर यूरोपीयंस के साथ पूरी दुनिया में फैल चुकी है। दुनिया के लिए यह नया रूढ़िवाद है जो उपनिवेश के कारण पूरे संसार में फैला है। इन रूढ़ीवादी लोगों को यह भी नहीं पता है कि यूरोपीयंस का या पश्चिमी दुनिया का आधी रात में दिन क्यों बदलता है? यदि इस विषय को आप जानना चाहते हैं, तो दिया गया वीडियो ध्यान से देखें।
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