अयोध्यापुरी। प्रत्येक वर्ष की अक्षय तृतीया को श्री रामराज्य कोष का वार्षिक पूजन परंपरागत रूप से अयोध्यापुरी में होता रहा है। परन्तु कोरोना महामारी के कारण गत वर्ष यह पूजन रामराज्य प्रशासन द्वारा स्थानीय स्तर पर रामराज्य प्रशासक व राजपुरोहित द्वारा अपने-अपने स्थान पर ही करना पड़ा था।
जिसके कारण रामराज्य की अधिकांश प्रजा भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हो सकी थी और केवल ऑनलाइन माध्यम से ही पूजन में सहभाग कर पाई थी।
गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी कोरोना महामारी के कारण वार्षिक पूजन अयोध्यापुरी में भौतिक रूप से नहीं हो पा रहा है। श्री रामचंद्र जी के महान प्रजा के आग्रह पर श्री रामराज्य कोष के पूजन की प्रक्रिया का अब प्रगटीकरण किया जा रहा है, जिससे की आप भी इस पूजन को अपने परिवार में संपन्न कर सकें और इसका लाभ प्राप्त कर सकें।
श्री रामराज्य कोष पूजन की प्रक्रिया
१. सर्वप्रथम श्री रामदरबार यदि आपके पास हो तो उसे सामने रखें
२. रामायण की प्रति, हनुमान चालीसा को समक्ष रखें
३. यदि यह सब न हो तो, एक कागज पर “राजा श्री रामचंद्र की जय” लिखकर उसके निचे श्री रामराज्य कोष की जय” लिखें, फिर “श्री रामराज्य सभा की जय” लिखें, उसके निचे “श्री अयोध्यापुरी की जय” लिखें, उसके निचे “श्री रामायण जी की जय” लिखकर भी कागज़ को सामने रखकर पूजन कर सकते हैं। (इस प्रकार से)
राजा श्री रामचंद्र की जय
श्री रामराज्य कोष की जय
श्री रामराज्य सभा की जय
श्री अयोध्यापुरी की जय
श्री रामायण जी की जय
४. इसके पश्चात दीपक प्रज्वलित करके, नैवेद्य इत्यादि का अर्पण करें।
५. फिर गणेश जी की मानसिक वंदना करें, चाहें तो “ॐ गं गणपतये नमः” का ग्यारह बार जप कर सकते हैं।
६. इसके पश्चात हनुमान चालीसा का एक बार पाठ करें
७. फिर एक लिफाफे, छोटे बटुवा के तरह थैले में पूजन हेतु रामराज्य कोष में राजा श्री रामचंद्र जी के चरणों में अपने सामर्थ्य अनुसार थोड़ी सी धन राशि रखें, यह राशि परिवार के समस्त सदस्यों से एक साथ संयुक्त रूप से समर्पित करवाएं। लिफाफे के अन्दर परिवार के सभी सदस्यों के नाम व पद (पारिवारिक पद जैसे पुत्र, पुत्री, माता पिता इत्यादि) लिखकर, (पूजन करने वाले का नाम सबसे ऊपर लिखें) फिर परिवार का कुल, गोत्र, वेद इत्यादि जो जानकारी हो लिखें, अंत में अपना पूरा पता और संपर्क लिखकर डाल दें।
८. फिर निचे दिया रामराज्य स्त्रोत का ग्यारह बार पाठ करें-
।।श्री रामराज्य स्त्रोत।।
आञ्जनेयपतिराजाराघवाय नमः,
रामराज्यकोषमवतु प्रभो! कुरु रक्षासमृद्धिम् वैभववृद्धिम्
प्रजाभि: करं दीयऽतेत:, तापत्रयम् नाशय तेषां,
रामराज्यप्रशासकभाष्करस्य, वचनमिदं कुरु सिद्धम् !
प्रजा त्वं शपथं। जयतां रामराज्य:।
इति रामराज्य स्त्रोतः
९. इसके पश्चात लिफाफे/बटुए को घर के पूजन स्थान/गृह कोष में सुरक्षित रख दें। इस वर्ष जब कभी भी आप अयोध्या आयें तो इस लिफाफे/बटुए को अयोध्या के प्रभारी श्री रवि तिवारी जी को या उनके प्रतिनिधि को समर्पित कर दें।
१०. यदि निकट भविष्य में अर्थात एक-दो माह के अन्दर अयोध्या आना संभव न हो तो उक्त धनराशी को अयोध्या स्थित श्री रामराज्य कोष के बैंक खाते में भी जमा करा सकते हैं, जिसका विवरण निचे दिया गया है। साथ ही ऑनलाइन भुगतान भी कर सकते हैं।
११. यदि बैंक में राशि का भुगतान करते हैं तो राशि जमा का विवरण व परिवार का जो विवरण लिफाफे में डाला था, वह सब रामराज्य प्रशासन के ईमेल ID – ramrajyaprashasan@gmail.com पर भेज दें या रामराज्य के Whatsapp No- ९८११५२९३७९ (9811529379) पर भेज दें।
विशेष- धन समर्पण करते समय सभी परिवार के सदस्य मन में यह विचार रखें कि वे अपने परिश्रम से अर्जित धन में से एक छोटा सा अंश राजा श्री रामचंद्र जी को श्रीरामकर के रूप में या श्रीरामभेंट के रूप में समर्पित कर रहे हैं। इसके विपरीत अन्य बात का विचार न करें।
श्री रामराज्य कोष पूजन का कारण व हित-
१. श्री रामराज्य कोष राजा श्री रामचंद्र जी का कोष है,
२. यह कोष राजा श्री रामचंद्र जी के प्रेरणा से अक्षय तृतीया के दिन हनुमान गढ़ी के संत बाबा बंसिदास जी के आशीर्वाद से स्थापति किया गया था
३. इसके पूजन से दैहिक, दैविक व भौतिक ताप का समन होता है
४. कुल की परंपरा बनी रहती है
५. संसार में रामराज्य का प्रचार, प्रसार व संचालना होता रहता है,
६. प्रजा और राजा का संबंध सूक्ष्म रूप से स्थिर होता रहता है.
श्री रामराज्य कोष का बैंक विवरण –
खाते का नाम – रामराज्य कोष
बैंक- यूको बैंक, हनुमान गढ़ी, अयोध्या
खाता संख्या- 19480210000809
IFSC Code-UCBA0001948
उक्त खाते में ऑनलाइन जमा करने का लिंक –
पूजन राशि यहाँ जमा करें
इस बैंक खाते से जुड़ा Paytm मोबाइल नंबर- ९८११५२९३७९ (9811529379)
Paytm QR Code है-
इसके अतिरिक्त रामराज्य के वेबसाइट – www.ramrajya.info के माध्यम से भी पूजन राशि जमा कर सकते है,
रामराज्य प्रशासन के Android App से भी रामराज्य कोष में भुगतान कर सकते हैं।
विशेष आग्रह – बिना श्री रामराज्य कोष का पूजन किये कृपया धनराशी न जमा करें। कम से कम श्री रामराज्य स्त्रोत के ११ पाठ द्वारा मानसिक पूजन अवश्य सम्पादित करें।